Friday, February 10, 2012

अलौकिक सुन्दरी

संगमरमर की   तराशी मूर्ति  हो तुम ,
या   अजन्ता की   कोई जीवित   कला ।
याकि हो अभिशप्त उतरी मृत्युभू पर ,
देवबाला    हो    कि .........कोई  अप्सरा ।

शांत यमुना सी    सुकोमल सुमन सी ,
श्याम घन सम केश सुन्दर कामिनी ।
या कि.......... भादौं की अँधेरी रात में ,
चीर घन   चमकी हो   चंचल दामिनी ।

स्वर्ण   सी    काया   महक चन्दन  उठे ,
या   सुमन   की  मधुर मोहक गंध हो ।
या  मनुज-स्वप्नों   की  अद्भुत सुन्दरी ,
या किसी कवि का सरस मधु छंद हो ।