Tuesday, November 16, 2010

देश वही हँस पाता है--(बाल दिवस-१४नव. पर)

उपवन   जैसे    सुंदर   लगता है  फूलों   की   क्यारी  से |
घर आँगन भी खिल उठता है बच्चों की किलकारी से  |
बच्चों   में   ही    मानवता  का    उच्चादर्श    पनपता  है |
देश वही हँस पाता है जिस देश का बचपन हँसता  है |

2 comments:

  1. देश वही हँस पाता है जिस देश का बचपन हँसता है |

    क्या बात है ....
    बाल दिवस पे बड़ी सार्थक पंक्ति कही है आपने ....!!

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