Tuesday, October 19, 2010

हमार अर्जी

इस समय उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहा है | प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने की तरह-तरह की कोशिशें कर रहे हैं | जहाँ एक तरफ दारू-मुर्गा की खुलेआम दावतें दी जा रही हैं वहीँ दूसरी तरफ गरीब प्रत्याशी अपनी सेवाओं की यादें दिलाकर वोट मांग रहे हैं | ऐसा ही एक गाँव है जहाँ का प्रधान पद पिछड़े वर्ग में आरक्षित हो गया है किन्तु माल काट चुके पूर्व प्रधान अपने जेबी प्रत्याशी को लड़ाकर फिर से सत्ता हथियाने की कोशिश में लगे हैं | इसी गाँव का एक गरीब प्रत्याशी जो जाति एवं पेशे से नाई है, कुछ अलग ढंग से ही वोट देने की मार्मिक अपील जनता से कर रहा है, वह भी ठेठ बोलचाल की अवधी भाषा में | ज्यों की त्यों उसी की अर्जी प्रस्तुत है----------

                                 "  हमार अर्जी " 

बेलहा मौजा कै हमार बाबा,दादा,काका,भैया,भौजी,काकी,बहिनी,दादी सबका शफीउल्ला नाऊ कै राम-राम,पायंलागी,सलाम |
    आप सभे जनते हौ की अबकी हमहूँ परधानी पर खड़े होइ गेन है |आपै सबके बल भरोसे पर लड़ी गेन ,नाई तौ हमार कौन औकात है | हमार बाप-दादा आप सबके जजमानी माँ आपन  जिंदगी बिताय दिहिन ,हमहूँ आपै सब के सेवा मा लाग हन औ जिंदगी भर लाग रहब |आप सबके घरे लरिका पैदा होय तौ हमहूँ का वतनय ख़ुशी होई जेतना आपका | बियाह,गवन,मूडन,छेदन,सब मा तौ हम रहित है आपै सब के बिच्चा मा हमहूँ ख़ुशी मनायित है | हमार महतारी,मेहारू,काकी,चच्ची सभे आप सबके बाहर से भित्तर तक सेवा मा लाग रहति हैं |आप सभे बड़े अपनपौ से जब कुछू ठानत हौ तौ गोहरावत हौ शफीउल्लवाकहाँ गवा ? तनी भर आंख से ओटनाई होय देत हौ | घर के लरिका अस दुलारत हौ, मानत हौ |अरे हम तौ घर-घर कै बिलारि होई | जौ कहूं घर मा कूकुर घुसरि जाइ तौ डंडा से पिटहरा जात है मुला बिलारि तौ घरय मा रहति है | जौ ऊ हंडिया भर दूध जुठार देति है तबौ कोई मारत नाई है तनी भर रिसियाय भले जाय |
             भैया बहुत दिन से अलक्सन मा हमार घर-परवार आप सभै जहाँ चाहेव वोट दिहिस | आज जब पिछड़ी सीट होइ गय तौ हमहूँ खड़े होइ गेन तौ का कौनौ अपराध कय डारा ? कयिव जने खड़े हैं तौ तोहार सब कय नौवव खड़ा है | हम गरीब जरूर हन मुला आपै सबके बल भरोसे रहेन तौ कब्बव भूखा नाही सोवय दिहेव |आजिव हम खड़े तौ अपने मन से भयन है मुला ई जानित है की आप सब कय ताकत हमै पोढ़ किहे है |
              अबकी आप सभे हमका कार पर मोहर लगाय कै जिताय देव |यहै बार-बार हाथ जोरिकै ,पाँव परिकै हम आप सबसे विनती करित है | हम जीतब तौ आपौ सभे छाती ठोंकि कै कहिहौ की हमार नाऊ शफीउल्ला परधान होइगा | जब आज तक हमार खानदान आपै सबके सेवा मा लाग रहा तौ परधान बने पर का हम कहूं अलग भागि जाब ? अरे जेतना सभे बतैहौ,जेतना कहिहौ,जेतना चहिहौ वतना करब | तौ बनाय देव परधानअबकी अपने नाऊ शफीउल्ला का कुछ सोचौ विचारौ ना आज तक सेवा कीन है आगेव बराबर कीन करब |
                   आप सबकै सेवक परधान पद उम्मीदवार---शफीउल्ला 
                      चुनाव चिन्ह ----कार  
 

1 comment:

  1. कैसी विडम्बना है, इसे मै उपहास के अलावा और क्या कहूं ?
    कभी कभी अपने छेत्र को देखकर मन उद्वेलित होता है, और दिल रोता है. काश हमारे बीच ऐसे भी लोग होते जो इस छद्म परिवेश को समझ सकते.
    धन्यवाद.
    सतीश शुक्ला

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