Saturday, September 25, 2010

---वो इन्सान नहीं है

    कुर्सी के लिए देश की  इज्जत करे  नीलाम,
    गद्दार है  !  वतन का    निगहबान  नहीं है |
    छीनता है   मुल्क के   चैनोअमन     को जो ,
    हिन्दू नहीं- न सिख,  वो मुसलमान नहीं है |
    जिस गोद में  जन्मा है, उसी से   दगा करे ?
    वह है कपूत !   देश का    अपमान   वही है |
    धनवान है, बलवान है,सब कुछ है वह मगर,
    सौ बार     मैं कहूँगा -  वो    इन्सान नहीं है |

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