Saturday, July 27, 2013

हे ईश्वर ! हमारे भारतवर्ष पर दया करो …

१२रु में भरपेट भोजन मुंबई में ….राजबब्बर , सांसद कांग्रेस
५रु में भरपेट खाना दिल्ली में …रशीद मसूद ,मंत्री
१रु में भी पेट भरा जा सकता है …फारुख अब्दुल्ला , मंत्री केंद्र सरकार

इन झूठे लफ्फाजों को क्या हो गया है ! सोनिया की चमचागीरी में क्या ये अपनी सामान्य बुद्धि भी गवाँ बैठे हैं ?
ये स्वयं महामूर्ख हैं या जनता को समझ रहे हैं …

गरीबों की हंसी उड़ानेवाले इन तथाकथित नेताओं को जूतों  की मालाएं भी पहनाई जाएँ तो कम है ….
ऐसे नेताओं, सांसदों और मंत्रियों की कारगुजारियों से देश कहाँ जायेगा !

हे ईश्वर ! हमारे भारतवर्ष पर दया करो …

Thursday, June 20, 2013

बासी कढ़ी उबाल खा गयी ..

अडवाणी की उलटी बानी
बी जे पी  में झकझक ठानी
पच्चासी की उम्र में पी एम
कुर्सी--जरा उछाल खा गयी --

अरे बुढ़ापा आया लाला
जपिए राम नाम की माला
मोदी के दिन हैं,बढ़ने दो
क्यों बेढंगी चाल भा  गयी-- बासी कढ़ी उबाल खा गयी

Friday, March 8, 2013

महिला दिवस पर…
                   
                     नारी  शक्ति को कोटि-कोटि प्रणाम

Tuesday, November 6, 2012

                  मुक्तक

इतना चाहो न मुझको   मैं   डर  जाऊँगा ।
दिल का शीशा जो टूटा बिखर जाऊँगा ।
गर  निगाहों से   मुझको   गिराया   कभी ,
जाऊँगा,  पर    न  जाने    कहाँ    जाऊँगा ।

Wednesday, July 11, 2012

          पावस के दोहे 
 
वर्षा ऋतु   मनभावनी, आइ    गयी    रसधार |
ताप दग्ध धरती पड़ी, अमृत    की    बौछार |
 
वन उपवन थे जल रहे, दुसह ताप की मार |
वर्षा ने   शीतल   किया, तन मन छुवे बयार |
 
दादुर   धुनि    मनभावनी, टर-टर करत पुकार |
झन झन झन जियरा हरै, झिल्ली की झनकार  |
 
गोरी    भीगे     द्वार    पर, उर   उमगा   अनुराग |
तन मन व्याकुल पीव बिन, जरै   विरह की  आग |

Monday, June 4, 2012

                      मुक्तक

आगे बढ़ने पर लगा प्रतिबन्ध है |
वापसी   का   रास्ता     भी   बंद  है |
परकटा पंछी    भला     जाए कहाँ ,
जिंदगी !   कैसा  तेरा   अनुबंध है ?

फूल   का  सौदा  करे, माली  चमन का |
पूछते हो हाल क्या? अपने  वतन   का |
अब   तो    मालिक के   भरोसे   जिंदगी ,
भेड़ियों  के  बीच है,  शावक   हिरन  का | 

Friday, May 4, 2012

आँसू  आँखों  में  आ  न  सके |
होठ  भी  कुछ  बता न सके |
बस खता है   निगाहों की यह ,
बात दिल की छुपा न सके |